Thursday, September 1, 2016

RESTART


                              As a Cricket Fanatic Nation India and Indians Always look towards cricket recipe , may be sports update, life of a cricket celebrity or now a days BCCI  and lodha   committee updates.. Cricket and in larger perspective sports teaches you best lessons in life . Phases of life and phases of sports are also correlated. You can derive inspiration from  every aspect of sports.. and every medium and media of space in sports is a catastrophic syndrome. As this blog focus more and more on learning from sports and one of the most important aspect of sports is rebuilding innings in cricket or revival or to make a come back from down and dusted situation in other sports.. One of the Best rebuilding inning which people always talks about is India versus Zimbabwe at Harare where India were nowhere at the score of 17 and rebuilding executed by Kapil Dev and down the order batting line up is still close to the masses.. Although there was media blackout in that match but still that match is synonym for any revival.. perhaps if we look in the larger perspective It is not the revival of that Inning or revival of India's Success story in that world cup .. but it is the transcendence of positive energy all across the nation.. yes we can.. if we can strive for a victory from that position then we can do any thing .. and that was reflected in India versus west indies final match .. where India have just scored 183 runs against mighty west indies but confidence of rebuilding which they have experience in league match has catapulted in doing some thing which is marked as Golden day of Indian Sports..

                    Rebuilding or starting fresh in your career is also some thing which is an amazing experience.. Lot of of people say that I have a Mundane Career same routine and boring life .. and some say mid life crisis .. there are few who start fresh ,who rebuild their Innings,who shift their career priorities into some thing which excites them and that rebuilding phase gives them immense satisfaction .. best examples are founder of naukri , harsha bhogle or nandan nilekani ,whose aadhar card initiative is the aadhar of our country now.. rebuilding has other dimension also where you have suffered huge financial or emotional loss and you rebuild your life.. There are people who have just gone bankrupt and from there they have rebuild their life.. Who will not remember Amitabh bacchan revival post ABCL  fiasco..


                  So WHAT Matters the most ???.. Lot of people face above mentioned situations in life.. What has mattered the most for Kapil or Amitabh or any one who has a successful revival.. I think most important aspect is your own Intrinsic Mental Toughness .. Talent of course is most essential ingredient but your consistent and continuous efforts helps a lot for revival or rebuilding ..You need to communicate to your thoughts that come what may I will come out of this situation with full confidence , zeal and excitement .. Harivansh Rai Bacchan ji has rightly said" kuch kiye bina kabhie jai jai kar nahin hoti himmat karne walo ki kabhie haar nahin hoti "..Confidence which you get in rebuilding your life or families life or Organizational life is unbelievable and unimaginable.. So next time when you find yourself in above mention situations never lose hope just believe in your mental toughness and your intrinsic desire and talent and rest assured some body will refer your name in their blog because of your revival..

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Thursday, July 7, 2016

सुल्तान स्पोर्ट्स या सलमान


यह एक अजब ही इत्तेफ़ाक़ हैं की जैसे ही सलमान की कोई मूवी रिलीज़ होती हैं सब लोग हरकत मैं आ जाते हैं । इस बात का संदेह नहीं रह गया हैं की स्टारडम की इस दौड़ मैं सलमान ने सारे तथाकथित स्टार्स को बहुत पीछे छोड़ दिया हैं । यह एक स्टार का एक अद्भुत गुरुत्वाकर्षण हैं की उसकी मौजूदगी ही टिकट खिड़की को हिला कर रख देती हैं । वह खुद कितने भी विवादों मैं गिरे रहे पर उनको शुभचिंतक और उनके फैन को उनसे कुछ फर्क नहीं पड़ता हैं । सलमान सलमान हैं सिर्फ नाम ही काफी हैं । मुझे याद हैं की एक जमाना था की जब लोग क्रिकेट केवल कपिल देव या उसके बाद सचिन के लिए देखते थे । 


कपिल मध्य श्रेणीं मैं बैटिंग करते थे और जब तक कपिल नहीं आते थे लोग टीवी से चिपके बैठे रहते थे या सचिन जो ओपनिंग मैं बैटिंग करा करते थे तो लोग बस उनको देखने को बैठे रहते थे । मुझे याद हैं मेरे इंजीनियरिंग हॉस्टल के दिनों मैं हम लोग मैच कॉमन रूम मैं देखते थे और जैसे ही सचिन आउट हो जाते थे आधे से ज्यादा कॉमन रूम खाली हो जाता था । यह एक स्टार को चाहने की पराकाष्ठा हैं । ऐसा स्टारडम पाना आपने आप मैं एक मिसाल हैं किसी चमत्कार से काम नहीं हैं । 


कुछ इसी तरह का नजारा आज हर सिनेमा हॉल के बाहर दिखाई पढ़ रहा हैं । भाई की पिक्चर रिलीज़ हुई जो आपने आप मैं किसी त्यौहार से कम नहीं हैं । हर इंसान किसी ने किसी तरह से भाई के स्टार डॉम की प्रशंसा करे नहीं थक रहा हैं । मैंने आज आपने नजदीक के सिनेमा हाल मैं देखा की हर आदमी इस से अपना व्यवसाहीकरण भी जोड़ रहा हैं । चाहे वह टिकट के रेट हो यहाँ सलमान की पहनी हुई सामग्री हो सभी अपनी अपनी कोशिश मैं हैं की कुछ इस बिज़नेस का फायदा उन्हें भी हो जाये । आजकल तो App के द्वारा टिकट की बुकिंग होती हैं पर स्टारडम का सही नजारा देखना हैं तो टिकट खिड़की पर लम्बी कतारों को देखकर समझ मैं आता की स्टार पावर क्या चीज होती हैं । हर जगह सलमान का नशा छाया हुआ हैं । यह स्टारडम कोई रातो रात मिली सफलता नहीं हैं इस स्टारडम को पाने मैं कड़ी मश्ककत लगती हैं । लगन ,परिश्रम और निरंतरता ही इसकी सीढ़ियां हैं । यह कहना की अरे सलमान तो बस लुक्स पर यहाँ बॉडी के कारण चलंता हैं बहुत ही नाइंसाफी होगी या उस लगन ,मेहनत और निरंतरता का निरादर होगा । यह समझना बहुत जरूरी हैं की हम इन सभी उदहारण से क्या सीख ले सकते हैं । इसलिए तो शायद इनका बोल गया एक गलत वाक्य बहुत लोगो को आहत कर देता हैं और हो भी क्यों न जिनको लोग इतना प्यार करते हैं उनके द्वारा अगर कुछ गलत बोल जायेगा तो लोगो को तकलीफ होगी ही । इसलिए संयम भी बहुत जरूरी हैं और आजकल के मीडिया प्रधान युग मैं वाणी की संयमता बहुत ही आवश्यक हैं । स्पोर्ट्स मैं अनेकानेक उदहारण हैं जहां संयमता नहीं होने के बहुत दुष्परिणाम खेल कूद से जुड़े लोगो ने भुगते हैं । 

लगन , मेहनत ,निरंतरता , संयम ज़िन्दगी के वह चार सूत्र हैं जिनक अनुसरण करके बहुत कुछ पाया जा सकता हैं । सलमान , सचिन , कपिल या कोई भी उपलब्धिपूर्ण इंसान बनना एक महत्वपूर्ण वाकया हैं और हमको इन साख सीखना चाहिए । यह मेरा युवा पीढ़ी से आव्हान हैं की इन चार सूत्रों की अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाये और देखे की आप आपने आप मैं बहुत सकारात्मक बदलाव महसूस कर रहे हैं । पर जाइए अभी तो सलमान का स्टार डम का लुत्फ़ उठाइए और देखिये की एक सुपर स्टार मेगा स्टार कैसे बनता हैं ।

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Saturday, July 2, 2016

स्पोर्ट्स आपको संकट के मायने बताता हैं

यह बात सही हैं की आजकल के युग मैं संकट का नाम सुनके हर इंसान घबरा जाता हैं ! इस समय भारत जब वैश्वीकरण के दौर से गुजर कर एक बहुत आशावान देश बन चुका हैं ! हमेशा कुछ पाने की ज़िद एक आम आदमी की ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुकी हैं | हम सभी लोग किसी न किसी रेस का हिस्सा बन चुके हैं । पारिवार,पैसा ,समाज मैं इज्जत यह हम सभी को बहुत ही प्रभावित् करता हैं । आजकल जहां समय इतने तेज गति से गुजर रहा हैं की हम सब उसकी रफ़्तार को पकड़ने मैं बहुत व्यस्त हैं । इस मैं कुछ बुराई भी नहीं हैं क्योंकि हमारे सामाजिक ढांचे इसी तरीके से आकार ले चुके हैं । हम सब को उन्ही सामाजिक ढांचों के अनुरुप अपनी ज़िन्दगी की व्यतीत करना हैं । 

ऐसे समय मैं किसी भी तरह की असफलता इंसान को बहुत हताश कर देती हैं आज कल सब सोशल मीडिया के तहत एक दुसरे से जुड़े हुए हैं । सोशल मीडिया मैं इंसान हमेशा अपनी दिखावे वाली ख़ुशी का व्यक्त करना मैं लगा हैं । नया घर ले लिया तो उसको पोस्ट , नया शहर घुम कर आये तो उसका पोस्ट , कुछ भी इंसान की ज़िन्दगी मैं अच्छा हो रहा हैं तो वह झट से उसको पोस्ट करता हैं । शायद यह दिखावे का ज़माना पहले भी था बस उसको सोशल मीडिया के स्वररूप मैं एक नया जरिया मिल गया हैं । कुछ मेरे दोस्तों को तो मैं इतना आदि होते देखा हैं की वह अगर एक मिनट मैं ५-१० बार अपने पोस्ट पर like नहीं चेक कर लेते हैं तो उनको राहत ही नहीं मिलती हैं । इसी तरह दूसरा के पोस्ट को देखना भी वह जरूरी समझते हैं । इस समय मैं एक होड़ से चल रही हैं की उसने मेरे फोटो मैं like किया तो मैं भी उसके पोस्ट कर्रूँगा नहीं किया तो नहीं कर्रूँगा ।यह सब कुछ बुरा भी नहीं हैं पर इस सब के कारण हम लोग कभी कभी वास्तविकता से दूर होते जा रहे हैं । आजकल के ज़माने मैं किसी दुसरे के साथ बुरे होते देख इंसान बहुत खुश होता हैं अंदर ही अंदर उसको किसी इंसान की ज़िन्दगी मैं 

अच्छा समय नहीं चलना का बहुत सुकून होता हैं । भले ही वह चहरे पर हमदर्दी रखे पर दिल से उसको इतनी हमदर्दी नहीं रहती हैं जो पहले के समय मैं हुआ करती थी । यह एक बहुत ही मुश्किल हैं समझ पाना पर यह हकीकत से हम सभी लोग भली भांति परिचित हैं । यह एक बहुत ही कटु सत्य हैं । 

यह सब बातें बहुत गम्भीर हो चुकी हैं क्यूंकि इसका असर सीधा लोगो की की ज़िन्दगी पर पड़ रहा हैं । स्पोर्ट्स ( स्पर्धा ) हमको बहुत कुछ सीखता हैं और समाज की इस विसंगति मैं भी हमको स्पर्धा से सीखना चाहिए । अभी हाल मैं मेस्सी का रिटायरमेंट की खबर देखे या रवि शास्त्री और कुंबले का विवाद यहाँ फिर मोहद शहीद के उपचार के लिए धनराज पिल्लै की प्रधान मंत्री से गुहार । अगर आपको रोजर फेडरर और नडाल के मैच की झलकियां याद होंगी तो आप जरूर इस बाद को याद रखेंगे की भले ही मैदान मैं वह एक दुसरे के प्रतिद्वंदी होंगे पर मैदान के बहार उनको एक दुसरे के लिए बहुत आदर हैं । एक दूसरे के अच्छा समय मैं और एक दुसरे के बुरे समय मैं भी वह एक दुसरे के साथ खड़े हुए हैं । ज़िन्दगी मैं संकट आना भी बहुत जरूरी हैं । संकट के समय आपको बहुत कुछ सीखाता हैं इसलिए शायद किसी भी महान व्यक्ति की आत्म कथा को आप पढेंगे तो आप देखंगे की उनका समय कहीं न कहीं बहुत ही संकट से गुजरा हैं । संकट के समय मैं हम को धैर्य रखना और आत्मा अवलोकन जरूर करना चाहिए और यह हमे स्पोर्ट्स से अच्छा कोई नहीं सीखा सकता हैं । संकट के समय मैं ही एक अच्छा खिलाडी की परख होती हैं और वह किस तरह से अपने प्रयत्नों से उस समय उभर कर बाहर आता हैं यहाँ टीम को बाहर निकलता हैं यह एक अविस्मरणीय कला हैं जिसको सीखना चाहिए । याद करे माइकल फेल्प्स को या युवराज सिंह को तो लगता हैं की ऐसे कितने उदाहरण हैं जो संकट मोचन बन गए हैं । याद रखे की कोई भी स्पोर्ट मैं अपनी तारीफ खुद ही नहीं करता हैं बल्कि ज़माना उसको तारीफ करता हैं । इस काबिल बने की लोग बिना आपके like को देखे बिना आपकोlike करे । संकट के समय धैर्य रखे और हमेशा सयम से संकट का सामना करे नाकि किसी और मैं दोष ढूंढे । संकट के समय दुसरे व्यकित के लिए रियल शुभचिंतक बने नाकि दिखावे के लिए । लोगो की ऐसे समय मैं मदद करें और याद रखें की स्पोर्ट्स मैं जब किसी की injury होती हैं तोह विरोधी खेमा भी हमेशा उसको मदद करता हैं । आशा करते हैं स्पोर्ट्स के इस पाठ को हमेशा ध्यान रखंगे औरसंकट मैं अपने आप को और दुसरे के संकट मैं आगे बढ़कर लोगो को मदद करेंगे ।

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